शाम है,
खुशनुमा महफिल भी
दोस्तों का साथ है,
सरगम का राग है…..
जाम ज़रुरी है क्या?
बचपन है,
मासूमियत बेहिसाब है
बेफिक्र उम्मीद भरा,
उड़ने की ख्वाहिश भी….
वृद्धत्व जरुरी है क्या?
हरियाली है,
लहराती दालियाँ भी
नन्ही कलियों की मुस्कान,
और फल स्वरूप आहार भी…
पतझड़ जरुरी है क्या?
अमीरी है,
बड़े मकानों की दीवारें
मखमली चाद्दर से सजावट,
चहरे पे पैसों की सिलवट…
गरीबी ज़रुरी है क्या?
ब्रम्हांड है,
आदि से अनन्त का सफर
बेहद उत्कृष्ट सा रहस्य है,
प्रतिदिन खोज की नई सीमा…
प्रलय ज़रुरी है क्या?
जीवन है,
उर्जा फैला है चारों तरफ
सीखने की चाह हर वक़्त,
क्रमागत उन्नति का यह सफर…
मौत ज़रुरी है क्या?
Comments
Beautifully penned😍
💯💯💯
Pata nahin
😍😊😊😊😊😍😍☺️☺️👍👍👍
Written very beautifully the truth of life🤞