उषाकालमें तन्द्रा ढूंढ रहा हूँ
धधकती धूपमें छांव ढूंढ रहा हूँ
ढूंढ रहा हूँ जलकी बूंदें रेगिस्तानमें
नजाने किस राह भटक रहा हूँ खुशी की तलाशमें!
भिड़भाडमें एकांत ढूंढ रहा हूँ
मद में चुर मैं सम्मान ढूंढ रहा हूँ
ढूंढ रहा हूँ शीत आभास उष्ण प्रकाशमें
नजाने किस राह भटक रहा हूँ खुशी की तलाशमें!
घना कोहरमें उजाला ढूंढ रहा हूँ
षड्यंत्रमें सादगी ढूंढ रहा हूँ
ढूंढ रहा हूँ गहरान अनंत आकाशमें
नजाने किस राह भटक रहा हूँ खुशी की तलाशमें!
प्लांसके पुष्पमें सुगंध ढूंढ रहा हूँ
कोरे काग़ज़में ग्रंथ ढूंढ रहा हूँ
ढूंढ रहा हूँ मुस्कान पलपलकी त्रासमें
नजाने किस राह भटक रहा हूँ खुशी की तलाशमें!