सुनता है कोई दूर खड़ा,
उन चीखने की आवाज़ों को।
देखता है कोई एक टक से,
उन मायूस निगाहों को।
आन पड़ी है ऐसी दृश्टा,
जिनमे कुछ कर पाना दुष्कर है।
सोच कर भी कांप उठा है,
ये जीवन का वो सच है।
काश एक बार उन्हे मिल सकता,
जो बात रह गई अधूरी थी,
जो याद करनी पूरी थी,
उन अधूरे वाक्यों को,
काश एक बार सिल सकता।
किसे पता था ये मंजर,
होता इतना दयनीय है।
काश बता सकता वो कि,
यहीं आस पास ही ठहरा है।
कहना है उसे ये सबसे,
टूट चुका है बिल्कुल अंदर से।
अपने दुख को जाहिर करना,
वो चाह के भी, असमर्थ है।
खबर ये आई दूर गगन से,
अब है घर लौटने की बारी,
शक्ति से शक्ति का मिलना,
अब नई शुरुआत की है पारी।
मन अफसोस बहुत हुआ है,
जो भी सही गलत किया है।
माफ करो इस अन्त काल मे,
ना भट्कूँ मैं माया के जाल मे।
फिर से मिलन अवश्य होगा,
जीवन कहाँ थम ही गया है।
किसी रूप मे मिल जाऊंगा,
रही सही सब कह जाऊंगा।
एक ही ज्योति का अंश मात्र हूं,
अभी महाकाल के आदेश हित हूं।
यह पंच भूतों का हेर फेर है,
वरना सब कुछ एक लहर है।
यहाँ से जो भी दिख रहा है,
नैनो की भाषा व्यर्थ रहा है।
खुशी से जीना, आधार वही है,
बाकी सबकुछ कहीं नही है।
Comments
Very touchy lines ,please keep writing
You are doing great job.keep it up 👍 all the best
Very nice❤