Shayari बिखर जाऊं क्या By Harshit Saini on Saturday, September 4, 2021 हवा में बदल कर तेरी सांसें बन जाऊं क्या?तू मेरी मिठास बन जाए, किसी ऐसी आवाज़ में बदल जाऊं क्या?कतरा-कतरा समेटा है तेरी नज़दीकियों ने मुझे,अब क्या फिर से कलम की खातिर बिखर जाऊं क्या? Previous Post Next Post Related Posts Poem Shayari तुम तो शायरी हो Shayari Ishq ki Bimaari Shayari Nafrat Se Pyaar