ये हसीन खुशनुमा सी शाम अभी बाकी है
तुझमे टूटने का अरमान अभी बाकी है
इतनी जल्दी भी क्या है मेरे हमदम
तेरी नज़रों से तो फुरसत मिली पर देख ये ज़ाम अभी बाकी है
ये हसीन खुशनुमा सी शाम अभी बाकी है
चल मिल के मिटा दें दो दिलों की दूरियाँ
इस हुस्न में खोने की हों मजबुरियाँ
तुझे यूं ही ना जाने देंगे इस आगोश से परे
तुझपे तो मेरे कत्ल का इल्ज़ाम अभी बाकी है
ये हसीन खुशनुमा सी शाम अभी बाकी है
धड़कनें बढ़ गई हैं अब थाम ले मुझे
आ मुझसे लिपट के आराम दे मुझे
बीत ना जाए ये पहर इन्ही बातों में
तेरे होंठों को छूने का एहसास मेरे मेहमान अभी बाकी है
ये हसीन खुशनेम सी शाम अभी बाकी है