ज्ञान की किरणें फैलाते हो आप
बच्चो को सक्षम बनाते हो आप
आप के बिना हमारी ज़िन्दगी अधूरी
जैसे सूर्य के बिना धरती नहीं पूरी
आपकी निष्ठा से हट ता है हम बच्चों का अँधेरा
आपके प्यार से ही तो सझता है हमारा सवेरा
आपके ही तो समर्पण से बनता है हमारा अनागत
आपके ही तो अवलंब से विजयता करता है हमारा स्वागत
आज करती हूँ आप सब का समान
आज करती हूँ में सबको प्रणाम
आज बताती हूँ में सबकी सफलता का राज़
शिक्षक न होते तो क्या होता बच्चों को खुद पर नाज़!!