छोटी खुशियाँ तूलानी ग़म
अक्ल ओ दिल रक़ीब बाहम
खूंचुका है जिगर मेरा
जहाँ ज़मिंबोस तेरे क़दम
न मौजूद है वो नवाजूद है वो
वले बुतखाना वले हरम
क़िस्मत में दो इबारात फ़क़त
अबके जुदाई हिज्र अगले जनम
तस्सवुर ए माशूक़ ख़ूब अजब
आंखे ख्वाबीदां नींद ख़तम
जूनून ए इश्क में अब दीवान होगा
खून रौशनाई अंगुश्त क़लम
मेरी शहरग में मिलती होगी
ये जो तेरे दस्त पे है रग ए नीलम
बंदगी में कमज़र्फ समझा!
काफिर हुआ तो मिला सनम
कंद अज़ शिरींतर अस्त तर्ज़ ए गुफत ए मुहब्बत
जान जानूं जानां अज़र जानम