चाहता हूँ।
Rated 5 out of 5 stars.(8)By Nandlal Kumar तुमसे ये बात अकेले में कहना चाहता हूँ, ज़ुल्फ़ों की नर्म छाँओं में रहना चाहता हूँ। आप कह दिए हैं कि मैं बहुत गमगीन रहता...
मेरी नज़र के सामने
Rated 5 out of 5 stars.(101)By Vinod ( Prem Sagar ) ग़ज़ल-1 होता नहीं कुछ भी असर उसके असर के सामने हर कहीं रहता है वो मेरी नज़र के सामने सुन रहे हो तुम ग़ज़ल ये...
आख़िरी पैग़ाम
Rated 5 out of 5 stars.(3)By Abhimanyu Bakshi उठाकर चलेंगे जब लोग मेरा जनाज़ा मंज़िल की जानिब, मेरे दुश्मन भी आँख से तब आंसू बहाएँगे। ता-उम्र जो हाथ मिलाने से भी...
मगर
Rated 5 out of 5 stars.(2)By Abhimanyu Bakshi मेरा शहर रौनक़ों का शहर है, मेरा दिल क्यों है वीरान मगर। महफ़िल में तो चाँद भी आये थे, फिर भी था सब सुनसान मगर। मौसम...
नज़र आता है
Rated 5 out of 5 stars.(3)By Abhimanyu Bakshi छत से इक आसमान नज़र आता है, ख़्वाबों का मैदान नज़र आता है। मैं आँखें मीचकर जब भी देखता हूँ, इक अलबेला जहान नज़र आता...
उदासी है मगर अच्छी है
Rated 5 out of 5 stars.(2)By Abhimanyu Bakshi मन न-जाने यूँ ही क्यों भर सा आता है, कुछ तो है जो जज़्बाती कर सा जाता है। रोज़ इक ख़्वाब जन्म लेता है दिल में, रोज़...
दिवाली मना लीजिए
Rated 5 out of 5 stars.(1)By Abhimanyu Bakshi मेरे नाम का एक दीपक जगा लीजिए, उसकी रोशनी से मेरी दुआएँ पा लीजिए। सीने से लगाइए इस ख़त को, इस ग़ज़ल से अपना दिल सजा...
दिल
Rated 5 out of 5 stars.(3)By Abhimanyu Bakshi भीड़ में रहने का दिल करता नहीं है, अकेले हों तो दिल लगता नहीं है। पैदा हो जाती हैं किसी के लिए भी नफ़रतें, आसानी से...
चाय पर आओ कभी
Rated 5 out of 5 stars.(2)By Abhimanyu Bakshi आओ इक साथ बैठकर कुछ बातें की जाएँ, बातों के साथ-साथ चाय की चुस्की ली जाए। तनहा मैं भी नहीं न तुम हो दोनों को मालूम...