Subah Savere
By Arpit Pokharna सुबह- सवेरे आसमान में तारे थे और एक पल को सारे सुखन हमारे थे उसी ग़ज़ल का हर्फ़-ओ-लहजा भूल गए जिस ग़ज़ल के सारे शेर...
Dekhte Hai
By Arpit Pokharna बहुत हुई बातें हवाई, हक़ीक़त में उतर के देखते है, सिमट के देख लिया है, बिखर के देखते है बावजूद इसके कि किल्लत है...
जिंदगी में हो रहे हैं हादसे ही हादसे।
By Dr C M Gupta Atal जिंदगी में हो रहे हैं हादसे ही हादसे। हम मुसीबत में पड़े हैं घुड़चढ़ी के बाद से.1 वो गईं हैं मायके तब साँस ली है चैन...
ये वहम का जाल मैं अब तोडना चाहता हूँ
By Sandeep Sharma ये वहम का जाल मैं अब तोडना चाहता हूँ तुम्हारी आँखों से ख़ुद को देखना चाहता हूँ कोई ख़्वाब अब मुकम्मल कैसे होगा मैं ...
मेरी खलिश की तिश्नगी गज़ल
By Shishir Mishra मै किसी ज़िंदा ए हयात को ज़िंदा कभी लगा भी नहीं, और किसी मुर्दा ए दफ्तर को लगा मै मरा भी नहीं, कागज़ के रंगों को उजाड़ मै...
मुन्तज़िर मेरी बेचैनियाँ गज़ल
By Shishir Mishra दास्ताँ वो बीते प्यार की हर्फों में फरार हो गयी हम बैठे थे खुमार में वो बेकरार हो गयी, सूखे बर्बर लाज़िम जो थे मुतमईन हो...
Mir, Ek Khat Tumhare Naam - A Letter From A 21st Century Poet In Delhi
By Ishika Kachhwaha Mir, Tumhare sheher me mohabatton ke gul udte hai, Jahaan kadam milte hai, wahaan qafan milte hai | Jo na ho uski...
Kuch Zakhm Hai Jo Zamane Se Mile Hai
By A R Shubham Kuch zakhm hai jo zamaane se mile hai Mujhe dushman kai muskuraane se mile hai Ghani veerani se saja hai ghr mera Tohfe ye...
Shab-E-Intezaar Guzar Kyu Nhi Jaati
By A R Shubham Shab-e-intezaar guzar kyu nhi jaati Ye aakhiri umeed bhi mar kyu nhi jaati Aake kyu khadi hai khushiya darwaaze par...