Barsati Bunde
By Narendra Rajpurohit ये बरसती बौछारै उस मासूम चेहरे पर मेरे अल्हड़ मन को मोहित कर जाती है भीगी भीगी लटो से गिरकर बूंदे जब उसके अधरो तक...
By Narendra Rajpurohit ये बरसती बौछारै उस मासूम चेहरे पर मेरे अल्हड़ मन को मोहित कर जाती है भीगी भीगी लटो से गिरकर बूंदे जब उसके अधरो तक...
By Kamlesh Sanjida मैं नन्हीं सी कोमल कली, माँ की कोख़ में थी पली माँ के सपने संजोती रही, अपना एहसास जताती रही । जाने क्या भूल मुझसे हुई,...
By Kamlesh Sanjida भोर भई है कुछ अब ऐसी, चिड़ियाँ चहक़ी मुर्गा बोला नींद अभी भी खुली नहीं थी, सूरज ने भी फ़ाटक खोला । कहीं सुनहरी धूप खिली...
By Kamlesh Sanjida मेरे देश में कुछ तो ऐसे, साँप भी पलते हैं रहते हैं आस्तीनों में, और फिर भी डसते हैं । ढूंढ़ो तो आसानी से, कहाँ मिल ही...
By Kamlesh Sanjida पथ का पंक्षी है तूँ, अपनी राह बनाता चल डगर कठिन है फिर भी, कंकड़ ख़ुद उठाता चल। हर रोज़ चुनौती का, तुझको भले ही मिलेगा...
By Kamlesh Sanjida रोटियाँ यूँ बिख़र कर, क्या- क्या कह रहीं ज़िंदगी का राज़, सब कुछ समझा रहीं । तेरी हुई न मेरी, बस हक़ीक़त दिखला रहीं बीज भी...
By Kamlesh Sanjida मेरे अरमानों की अर्थी, तुमने कैसी जलाई है मेरे जाने के बाद भी, आजादी कैसी आई है। समझ नहीं आता ये मुझको, सितम मुझपे...
By Kamlesh Sanjida देखकर मजबूरियां मेरी, लोगों की नज़रें गढ़ गईं मुसीबतों की क्या कहूँ मैं, रोज रोज ही तो बढ़ गईं । किसको समझाऊँ अब क्या,...
By Kamlesh Sanjida जिनकी गोद में खेले, उन्हीं को काँधे पे उठाए जिन्दगी के सफ़र में, फिर कैसे मौके हैं आए। रो-रो कर हैं बेहाल, अब हिम्मत...
By Kamlesh Sanjida मैं हूँ एक औरत, अस्तित्व खोजती रही अपना ही सभी को, जैसे बोलती रही। मुक़द्दर को भी जाने, मेरे क्या मंजूर रहा मैं खुद के...
By Kamlesh Sanjida गुस्सा करता हूँ तो, ख़ामोशी से सिमट जातीं हैं प्यार करता हूँ तो , बाँहों में लिपट जातीं हैं I बेटियाँ हैं तो देखकर ही...
By M.Rahithraaj ைதழிய ஒ ...! நபா...! எ ர ேககறதா ? உ மனத ர ேககற. உ ககளி நா ெதரிகறனா ? எ கணீரி நீெதரிகறா ! மாயத பய சகய நீ, கன வாைகய மேம இதா...
By Khushboo Sharma His talk as light as fur Smile so bright That will make your insides’ stir Style and way of talking is extraordinaire...
By Khushboo Sharma A multi-talented, time management's register, Wish you a happy birthday, dear sister. Hunger and anger are tough for...
By Khushboo Sharma Hello , Hi , wanna go out? Why? Nothing , just like that... To freshen up or maybe eat a snack... Everything is boring...
By Khushboo Sharma If one yearns for tranquil and ecstacy, One is welcome to go for a tour of Dalhousie Or as an alternative , visiting a...
By Swastik Shekhar Sarkar The pain defines the purpose for those who have fought Enough wars within. In my pain, I found my purpose, And...
By Swastik Shekhar Sarkar (The scene changed) And in the sunlit ocean, The girl who was seen Drowning deep in his arms; Now just had a...
By Swastik Shekhar Sarkar And they knew it then, In their awkward, little dance, That amidst the world's noises, They had found their...
By Swastik Shekhar Sarkar And each time it rained, He would reach out with his hands From that little barred widow in his cell To feel...