कैसे जिये हम?
By Akansha Gendre क्या इशारों में बातें करें हम, ये आँखों से आँखें चुराना, कब तक सहे हम? आप यहीं है, हम भी यहीं है, पर बातें ज़ुबां पर...
By Akansha Gendre क्या इशारों में बातें करें हम, ये आँखों से आँखें चुराना, कब तक सहे हम? आप यहीं है, हम भी यहीं है, पर बातें ज़ुबां पर...
By Akansha Gendre तेरी यादों ने कल रात भर मुझे सोने नहीं दिया, किस गम में थे हम नहीं पता, चैन से रोने भी नहीं दिया, जो हँसी खो गई थी, वो...
By Akansha Gendre उन्हें दिल से निकाला ही कब था जो फिर से बसा ले, जन्नत जैसे सपने सजाए थे, अब कांटों भरी राह पर गिर पड़े। पूरी...
By Anil Chauhan मैं अकेली थी माँ,वह समूह था पांच का वह पत्थर थे माँ मैं टुकड़ा थी काँच का वह दरिन्दे ऐसे टूट पडे, जैसे टूटता है शेर...
By Satya Deo Pathak मन के झरोखे से जो खुशियां चुरा ले, उदास हो जो मन, बातों से अपने मायूशियां मिटा दे। बिन बातों की भी जो,महफिल जमा दे।...
By Satya Deo Pathak रघुवर मेरे प्रभु राम, तेरे नाम में बीते सुबह शाम। स्तुति तेरी, तेरा ध्यान, मेरे जीवन में लाए विहान।...
By Satya Deo Pathak तुमने दिया ये जीवन, तुमने दिया जीवन में उपवन, तुमने दिया सुंदर अंतर्मन, शुक्रिया ऐ मेरे प्रभु!...
By Satya Deo Pathak सोते सोते खुल गई है नींद, सोचता हूं कुछ लिख लूं। क्या हुआ की टूट गई नींद? ज़रा याद तो कर लूं। सो गया था जल्दी आज,...
By Satya Deo Pathak रंजिश मेरी ना रही किसी से, खुद से ही नाराज़ रहता हूं। बनती सबसे है मेरी, खुद से बस अनबन रहती है।...
By Satya Deo Pathak जो मिला वो कम नहीं जिंदगी की राहों पर, नही कोई है गम। जो मिल गया वो मिल गया, नही मिला वो मेरे करम।...
By Satya Deo Pathak छोड़ दो देखना किसी और को, खुद को तो देख लो। बहुत हुआ अंगुलियों उठाना किसी और पर, खुद पर ज़रा गौर कर लो।...
By Satya Deo Pathak सुन लो ऐ साथी बंधु, सुन लो ऐ यजमान! मन है जो निर्मल तेरा, मन में बसे है समझो भगवान। कोई न जाने क्या सोचे है तू?...
By Akansha Gendre जितना तुम्हारे पास आने को चाहूँ, उतना क्यों दूर भागते हो तुम ? एक बार अपना दिल खोल कर तो दिखाओ, तुम्हें प्यार शब्द...
By Pankaj Pahwa ये उम्र का जाने कौन सा पड़ाव है, की गाना भूल गया हूं मैं, जिम्मेदारियों का जाने कैसा बोझ है ये, ठीक से खाना भूल गया हूं...
By Pankaj Pahwa जो मांगी उसने कभी मदद, लेकिन न कर पाया गर मैं, समझा मेरे हालातों को, था मुंह न उसने फेरा, वो बस एक दोस्त है मेरा, ये...
By Pankaj Pahwa कहने को तो यूं हुए बस तीन साल है, कहने को तो यूं हुए बस तीन साल है, पर देखू जो पीछे मुड़कर तो हजारों ख्याल है, हैं यादें...
By Pankaj Pahwa लिखना उसे आसान है, कहना बहुत सरल, लफ्जों से बयां करने चला हूं, मैं कितना कम अकल, नाजों से पाला करती वो, लगने ना दे हवा,...