| बस इतनी सी अर्ज़ी हमारी है ।
By Kavita Batra मैं रहूँ सदा तेरा बनकर, बस इतनी सी अर्ज़ी हमारी है । यह बेवजह गले लगना , और बातों का सिलसिला हमेशा जारी रहे , ...
By Kavita Batra मैं रहूँ सदा तेरा बनकर, बस इतनी सी अर्ज़ी हमारी है । यह बेवजह गले लगना , और बातों का सिलसिला हमेशा जारी रहे , ...
By Kavita Batra एक रविवार ऐसा भी हो , पूरे हफ्ते की भाग -दौड़ से थोड़ी ही सही , मगर राहत भी हो । थोड़ा सा आलस ,...
By Kabir Anand अनंत समुद्र की बहती लहरों को देख, अक्सर मन में कई बेज़ुबान ख्याल आते हैं, हर प्रश्न के उत्तर खुदसे अपने समक्ष स्वयं प्रकट...
By Kabir Anand मैं नहीं बताऊंगा तो समझ पाओगी क्या ? मेरे मन के अल्फाज़ बिन बताये पढ़ पाओगी क्या ? मेरे ज़ख्मों को भरना ना सही, पर तुम...
By Kabir Anand एक अनदेखा सन्नाटा सा छाया है, जाने कहाँ खुशियों को वे दफन कर आया है, जो सड़कें जगमगाया करती थीं हरदम में एक ज़माने में उन...
By Meghna Dash कैद करके क्यों, ज़ख्म को कुरेदती रही चीखती-पुकारती सवालों के कटघरे में, चीरकर मेरा दम क्यों ना तोड़-सी गई। अंजान ना था,...
By Meghna Dash रात भर जग-जग के पढ़ना कल क्या पढ़ाना है ये सोचना। ज़हन में रहे सदा, हम इनके नाम करे ज़िंदगी अपनी, हमारे। बिना शिकवा करे,...
By Mrityunjay Mishra कुछ पत्तों के गिर जाने से वृक्ष नहीं रोया करते हैं... संघर्षों के पथ पर चलकर आस नहीं खाया करते हैं... शूल पड़े हों...
By Atulyaa Vidushi पंछी था मन उसका दिल था कुछ मुसाफिर सा, कहता था समझता नहीं कुछ पर था हर बात से वाकिफ़ सा। मुस्कान लाता वो सबके चेहरे...
By Atulyaa Vidushi हिम्मत रखो हार के बाद जीत और जीत के बाद हिम्मत, इसके बीच हारने की हिम्मत रखो। ये दुनिया तो पराई है ना, तो इसमे खुद...
By Mrityunjay Mishra तुम्हारी बाहों के दरमियान भी, कभी तो अपनी भी रात होगी... अजीब लगती है ये बात तुमको, मगर कभी सच ये बात होगी......
By Mrityunjay Mishra पहले ये चांद ऐसा नहीं था, दाग इसमें तब भी थे पर ये खूबसूरत लगता था... हाँ, उसके नूर के आगे चांदनी फीकी लगती थी...
By Adarsh Singh आसमान के लाखों तारे, क्या रोज़ यूँ ही टीम-टीमाते है? या रोशनी और धूल के, बादलों मे फस कर रह जाते है? क्या शोक हो अब चाँद...
By Harsh Chaudhary वह मेरे तन-मन में समाई है, उसकी यादों की खुशबू में, मेरी हर सुबह मैंने सजाई है। हर एक लम्हा उसके बिना, लगता है जैसे...
By Harsh Chaudhary पात्र: 1. आर्यन – कहानी का मुख्य पात्र, संघर्षशील व्यक्ति 2. प्रिया – आर्यन की पत्नी, जो बार-बार घर छोड़कर चली जाती है...