प्रेम अनंत सा है
By Harsh Chaudhary प्रेम एक मौन संवाद है, इसका ना कर पाया कोई आज तक अनुवाद है। दिल से दिल की बात कही जाती है, बिन शब्दों के भी सब बातें...
By Harsh Chaudhary प्रेम एक मौन संवाद है, इसका ना कर पाया कोई आज तक अनुवाद है। दिल से दिल की बात कही जाती है, बिन शब्दों के भी सब बातें...
By Ojeshwini Rajput आओ तुम्हें बसंतर के रणांगण का दृश्य दिखलाती हूँ, भारत के उन वीरों का जंगी मिज़ाज बतलाती हूँ। इकहत्तर जिसके...
By Khushi Tanganiya ये आवाजें मुझे खा रही हैं, मैं खोखला हो चुका हूँ अंदर से अब। संवेदनाएँ कुछ कम और बेचैनियाँ इतनी बढ़ गई कब?...
By Neha नानी मेरी बूढ़ी थी, कुछ याद नहीं उनके बारे में, बस यह कि, वो बूढ़ी थी। हाँ, हँसती थी तो, बूढ़ों जैसे हँसती थी, वो ढला पेट, दुखी...
By Abhimanyu Bakshi आसमान को दिखाया है मैंने उसका रक़ीब कोई, बदलता है मौसम जैसे यहाँ पर हबीब कोई। उसे नई ख़ुश्बूओं से मिले फ़ुरसत, मैं...
By Abhimanyu Bakshi मौसम मोहब्बत का यूँ तो अज़ल से है, उल्फ़त की बरसात कब होगी। शुक्रिया जो बुलाया हमें दावत पे, पर दिल की मुलाक़ात कब...
By Abhimanyu Bakshi (भूलियेगा नहीं, जब अगस्त 2024 में इंसानियत की हत्या हुई थी…) अब मंदिरों से बुत हटवा दीजिए, उनकी जगह धन-दौलत रखवा...
By Abhimanyu Bakshi कई पहेलियाँ सुलझाना चाहता हूँ, मैं अपनी तस्वीर बनाना चाहता हूँ। वक़्त ज़ाया करना अब गवारा नहीं , मैं तनहाइयाँ मिटाना...
By Shruti Shah was anything ever mine? a thought that made my fingers rest on the bulging butcherable dandruff. three minutes into...
By Ameera Baga मत आओ करीब मेरे, तुमसे बिछड़ने से डर लगता है। मत करो बातें मुझसे, रह जायेंगी बस यादें। मत बढ़ाओ कदम मेरी तरफ, तुम्हारे...
By Rovel एक भले इंसान ने बड़े शौक से एक घर बनाया उसके तामीर होने में अपना खून पसीना धन लगाया , बच्चों के खेलने वास्ते एक बड़ा आंगन बनाया...
By Chanda Arya सुना है, बहुत तरक्की कर ली है आज विज्ञान ने मानव हूबहू मानव से रोबोट बनाने लगा है, वही रंग, वही रूप, वही अनुशासन भरने लगा...
By Chanda Arya आवाजों में बातें किया करो मोबाइल में तो खबरें भी पढ़ते हैं, अहसासों का कौतुहल जगाया करो शब्द तो किताबों में भी छपते हैं।...
By Chanda Arya भोर का वो सूरज, माँ की बड़ी सी लाल बिन्दी सा लगता है........... तब पूरा आकाश ही माँ का चेहरा हो जाता है, फिर वो सूरज अपनी...
By Chanda Arya जैसे ही मुड़ कर देखा है अभी लगा यूँ चाँद खिड़की पर आया हो तभी, रेशमी हवाएं भी रुक गयी है सरसरा कर वहीं पत्तों की ओस से...