कोशिश तो जरूरी है
By Harsh Chaudhary मंज़िल से अब भी दूरी है, सपनों की राह अभी अधूरी है। अगर हार भी गए हो तो क्या हुआ, एक और कोशिश तो जरूरी है। अगर...
By Harsh Chaudhary मंज़िल से अब भी दूरी है, सपनों की राह अभी अधूरी है। अगर हार भी गए हो तो क्या हुआ, एक और कोशिश तो जरूरी है। अगर...
By Vartika Sharma Lekhak १. आज मुक़ाबला हो कौन बड़ा अंतर्यामी ? तू जो क़ुतुबमीनार की बांग से शंखों से नगाड़ो से झकझोरा जाता है !!! ...
By Ramyaa Shukla किसिके इतने पास हो, कि सबसे दूर होगए, जिसके साथ सालों तक की दोस्ती निभाए, आज उसी को भूल गए। जिससे कभी घंटो बातें किया...
By Harsh Chaudhary कुछ लोग कहते हैं कि प्यार कुछ नहीं होता सिर्फ जिस्मानी जरूरत होती है , तो वह मुझे यह बताएं कि मोहब्बत सिर्फ एक से ही...
By Master Sarthayki Agarwal मैं बच्चा हूँ, मेरे होंठों पे मुस्कान है, मोबाइल का आलंब नहीं, मेरे खुशियों के साथ है। खेलों का जादू मुझे...
By Master Sarthayki Agarwal भक्ति काल में प्रेम की धुन, रामायण, कृष्ण की कहानियों में सुन। संतों ने गाए गीत, मोहे सबका मन , दिया हिंदी...
By Akansha Gendre न जाने क्या है तुम्हारी बातों में ऐसा जो गुम हो जाते है उनमें हम, जबसे तुम्हारे आवाज़ की धुन सुनी है खोए-खोए से रहते...
By Akansha Gendre क्या इशारों में बातें करें हम, ये आँखों से आँखें चुराना, कब तक सहे हम? आप यहीं है, हम भी यहीं है, पर बातें ज़ुबां पर...
By Akansha Gendre तेरी यादों ने कल रात भर मुझे सोने नहीं दिया, किस गम में थे हम नहीं पता, चैन से रोने भी नहीं दिया, जो हँसी खो गई थी, वो...
By Akansha Gendre उन्हें दिल से निकाला ही कब था जो फिर से बसा ले, जन्नत जैसे सपने सजाए थे, अब कांटों भरी राह पर गिर पड़े। पूरी...
By Anil Chauhan मैं अकेली थी माँ,वह समूह था पांच का वह पत्थर थे माँ मैं टुकड़ा थी काँच का वह दरिन्दे ऐसे टूट पडे, जैसे टूटता है शेर...
By Satya Deo Pathak मन के झरोखे से जो खुशियां चुरा ले, उदास हो जो मन, बातों से अपने मायूशियां मिटा दे। बिन बातों की भी जो,महफिल जमा दे।...
By Satya Deo Pathak रघुवर मेरे प्रभु राम, तेरे नाम में बीते सुबह शाम। स्तुति तेरी, तेरा ध्यान, मेरे जीवन में लाए विहान।...
By Satya Deo Pathak तुमने दिया ये जीवन, तुमने दिया जीवन में उपवन, तुमने दिया सुंदर अंतर्मन, शुक्रिया ऐ मेरे प्रभु!...
By Satya Deo Pathak सोते सोते खुल गई है नींद, सोचता हूं कुछ लिख लूं। क्या हुआ की टूट गई नींद? ज़रा याद तो कर लूं। सो गया था जल्दी आज,...
By Satya Deo Pathak रंजिश मेरी ना रही किसी से, खुद से ही नाराज़ रहता हूं। बनती सबसे है मेरी, खुद से बस अनबन रहती है।...