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By Bhuvaneswari B If you had only been the need of my body I would have long forgotten you after our first intimacy You don’t realize...
By Bhuvaneswari B If you had only been the need of my body I would have long forgotten you after our first intimacy You don’t realize...
By Gurtej Singh Dutta I have this treasure box, Deep inside a mystical cave, Filled with the cozy-warm clothes I gathered within my...
By Nisarg Shah तुझे मैं कभी समझ न पाया,पर इतना जानता हूँ, कि तुम हो ईश्वर की सबसे प्यारी और सुंदर माया। तेरे अंदर सच्ची दस लोगों की शक्ति...
By Kratika Agrawal सब कहते हैं मेरा गुस्सा बहुत तेज़ है पर उससे भी तेज़ है उसका मनाना मुझे गुस्सा ही आने नहीं देता। By Kratika Agrawal
By Kratika Agrawal एक वक्त था जब हम जिंदा थे हा जी हां हम जिंदा थे। तब दर्द भी होता था आंसू भी बहते थे हंसी भी कभी-कभी फूंट पड़ती थीं। आज...
By Kratika Agrawal अब वक्त बहुत कम है मुझे कुछ लिखना है पर में करू क्या मैं बंद हो चुकी हुं हा उस घड़ी की तरह जिसकी नियती हैं चलना हां उन...
By Pritesh Maheshwari वो बच्चों की हर ग़लती से पहले ही उन्हें माफ़ करती है.. चाहें ग़लत ही हों बच्चे फ़िर भी उनके हक़ में इंसाफ़ करती...
By Anuja यह शाम के रंग तेरी हरकतों की तरह है उलझे हुए मगर खूबसूरत डूब जाए आज तो अफ़सोस नहीं होगा इश्क़ आज भी है मगर कल से थोड़ा ज़्यादा |...
By Mohd Shakeb ("Shauk-E-Shakeb") Dear Emojis, Thank for being there..... Sometime we want to express, But Something pressing us to be...
By Mohd Shakeb ("Shauk-E-Shakeb") आपके किरदार को अच्छे से पहचानता हूँ मैं, हमदर्द के लिबास में, ज़ख़्मो को सर-ए-आम करने आए हो मेरे, समझता...
By Mohd Shakeb ("Shauk-E-Shakeb") वर्चुअल वर्ल्ड से लौट आया है तख़ल्लुस मेरा, शिकायत ये है कि, प्लेटफॉर्म तो बहुत थे बाग़-ए-सोशल मीडिया...
By Mohd Shakeb ("Shauk-E-Shakeb") दिल का मेरे तन्हा रहने का सिलसिला कुछ यूँ जारी रहा, कहीं अलफ़ाज़ गुम रहे तो कहीं दिल-फेंक समझा गया। वो...
By Mohd Shakeb ("Shauk-E-Shakeb") जीने की आरज़ू है अभी, सांस बाकी जो है अभी। शुक्र भेजना है उसको, कि महफ़ूज़ जो हर वबाओं से हूँ मैं अभी।...
By Mohd Shakeb ("Shauk-E-Shakeb") छूट गए सब लोग पुराने, एक साइकिल पर तीन यार पुराने। संध्या काल में दरवाजे पर खट-खट की कहानियां, बिन मतलब...
By Mohd Shakeb ("Shauk-E-Shakeb") उसकी ख़मोश निगाहें सवालों के तूफ़ान उठा देती हैं, बिन बोले हरसू कोहराम मचा देती हैं। बड़ी कश्मकश में...
By Mohd Shakeb ("Shauk-E-Shakeb") दिल की ख़ता ये है, कि ये सबसे दिल से मिलता है इस खुदगर्ज़ ज़माने में ये सबसे अपनेपन से मिलता है। धोखा...
By Mohd Shakeb ("Shauk-E-Shakeb") ग़म का क़िस्सा है ये, कि ये ख़ुशी की तालाश में रहता है, जैसे एक बेरोज़गार रोज़ी की तालाश में रहता है।...
By Mohd Shakeb ("Shauk-E-Shakeb") किस हक़ से माँगू, आपके बताए रास्ते पे मुकम्मल चल नहीं पाता हूँ जो, किस हक़ से माँगू, रिज़्क़ को सूद से...
By Jagrati Chaurasiya दरीचों से कभी खुशगवार मौसम देखा हैं क्या। बिन उस गली में जाए उसका मक़ान देखा हैं क्या। मैंने तो तुम्हें कई दफ़ा...
By Vidit Panchal एक शाम तुम्हारे कमरे में लेटे रहकर बिस्तर पर देखा खिड़की से बाहर बारिश में धुली सड़कों को, और एक नज़र तुम पर रख दी। जाना,...