By Shashi Shikha
मैंने तो यही महसूस कि या है …
कि दुनि या में अकेला पन बहुत है,
और बेघरि यत तो बेहि सा ब है!
और मेरी बस यही तला श है,है
कि वा कई में मुझे भी को ई घर मि ले…
जहाँ मुझे सब अपना लगे…गे सब कुछ…अपना लगे जहाँ मेरा हक़ हो .
मेरी आवा ज़ की अहमि यत हो .
मेरे एहसा सों की की मत हो .
मुझे भी ऐसा घर मि ले !
By Shashi Shikha
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