By Saumya Garg
ढूँढ लाना हमें
उस डगर से
हर दफ़ा
जिस पर तुम्हारा
दर न हो
पर हम भटक कर
चले गए हों।
हम हर दफ़ा
लौटना चाहेंगे
तेरे ही दर पर।
घर है वो,
रास्ता भटक गए तो क्या!
घर नहीं बदलता,
तुम हाथ थामकर
ले आना हमको वापस
सही डगर पर
सही दर पर
सही सलामत...
By Saumya Garg
उत्तम रचना 😲
Beautifully penned. प्रेम पथ पर साथ चलते हुए प्रेमी से भटक जाना, फिर एकाकी जीवन में उसको याद करना, उसे वापस पा लेने की इच्छा पर आधारित भावपूर्ण कविता।
Awesome, beautiful writing😀👏
Amazing!
Awesome poetry