काश
- hashtagkalakar
- Jan 11
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Updated: Jan 17
By Sachin Harkhani (Sahaj)
सभी सिरे धागेके थे तेरे हाथ में
काश तू ख्वाब बुन पाता
नाव टूटी और दरिया भी बिगड़ा
एक भी सही होता तो किनारा ढूंढ पाता
बयान की हुई बात सब सुन लेते हे
काश तू ख़ामोशी सुन पाता
अच्छा होता अगर हम मिले ना होते
तू भी कुछ और चुन पाता, में भी कुछ और चुन पाता
ये मेहेरबानी के तेरा पहला प्यार में हूँ
पर काश में आखरी भी हो पाता
By Sachin Harkhani (Sahaj)
.. Good
Nice
Fabulous and very meaningful 🥳
Excellent
"The way you have woven together themes of love and loss is meaningful✨"