By Dr. Anuradha Dambhare
वो शराफत भी काबिले तारीफ है होती जब कोई कितनाभि उकसाने की कोशिश
करें तुमको…
मुस्कुराहट के साथ शांत बने रेहेनाही जीत केहेलाती है।
• उस सादगी को कभी नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता जो समाज की
बद्धता और आधुनिक शैली मै भलेही ना बैठे...
पर अपनी वाचा और आचरण के दमपर ही हजारों लोगो का दिल जीत बैठे।
• मेहनत करनेकी अभिलाषा कितनीभी गेहेरी क्यों ना हो पर खुदके काम से
इश्क़ होना जरुरी है...
क्योंकि ऐसे काम करनेमे थकान से ज्यादा मायने रखती है संतुष्टि,
जो सफलता का शायद दूसरा नाम हैं।
• कोई जो वक्त था जब हम किसी के खातिर कुछ जादा ही लिखते थे,
फिर ना जाने वो क्या सा खो गया..
वो लफ्ज या फिर वो,
दिलो-दिमाग के पन्ने भर ही नही रहै।
By Dr. Anuradha Dambhare
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