May 12, 20231 min read माँUpdated: Jun 12, 2023Rated 0 out of 5 stars.No ratings yetBy Nipun Vinayakकांपते हाथों से पंजों पे खड़ी हो उस ने पीछे से कटोरियाँ उठाईआज उस के बच्चे घर आए थे By Nipun Vinayak
By Nipun Vinayakकांपते हाथों से पंजों पे खड़ी हो उस ने पीछे से कटोरियाँ उठाईआज उस के बच्चे घर आए थे By Nipun Vinayak
बालकनी में चर्चा गर्म हैBy Nandlal Kumar इस कविता को लिखने की प्रेरणा मुझे इतिहास की उस घटना से मिली है जब फ्रांस की राज्य क्रान्ति के समय महारानी अपने किले के...
Wily Youth By Agrima Arya Remorsing my past has always been grueling, Still for you I bellicose my brain, Never knowing why I was courageous, Never...
The Empty CradleBy Agrima Arya A strong gush of breeze blew by Something felt facade bout it Stomach wretched yet no pain Tears fell while lamps lit ...
Comentários