माँ
- hashtagkalakar
- Jan 11
- 1 min read
Updated: Jan 18
By Chinmay Kakade
थामा था तूने अपने हाथों में मुझे रोते हुए सबसे पहले
मिला नहीं आज तक कोई ऐसा जो मुझे तेरी तरह थामें
नकाब लगाके घूमता हूं हर जगह ताकि कोई सवाल न करे
फिर भी पूछ लेती हो मेरे हाल चाल हर बुरे दिन पे मेरे
कितनी रातें गुज़ारी होंगी तूने बिना सोये घर के मरीज़ों की देखभाल करते हुए
आज तक नहीं देखा तुम्हें, बीमार होकर भी बिस्तर पर पड़े हुए
दीवारें भी नहीं उठती घर की, जब तक तुम उठ कर पहली चाय न बनाओ
खाना इतना अच्छा बनाती हो, पर ऐसा किसने कहा की कम पड़ जाए तो खुद
कम खाओ
ताने सबके सुन लेती हो, ज्यादा तारीफ करता नहीं है कोई तुम्हारी
कभी किसी को बताती नहीं तुम्हारी परेशानियों के बारे में, पर सुन लेती हो दुख
सब हमारे
शायद ना मानूंगा तेरी बातें सबके सामने, शायद चिल्लाऊंगा तुझपर तेरे सुझावों
के लिए, अभी नहीं तो फिर कभी सही पर समझ आएगी मुझे तेरे ये सूझाव और
तेरी ये बातें
बस एक बात याद रखना तुम्हारा आदर आज भी सबसे पहले है मेरे मन में
अब तक झुकता था, आज भी झुकता हूं, आगे भी झुकूंगा तेरे आगे खुदा से पहले
By Chinmay Kakade
🥹🥹👌👌
👌👌👌
खरे आहे. आईची जागा कोणीही घेऊ शकत नाही. हृदयस्पर्शी! 👌👌👌
आई वर जेवढे लिहू तेवढे कमी आहे.
Chinmay atishay sundar lihale ahe