By Sagarika Roy
मां __
एक छोटा सा शब्द है,
कर्मयोग जिसका निशब्द है।
नौ महीने गर्भ में रखकर ,
एक शुक्राणु को अंडे से ,
जीव के रूप में गढ़कर ,
जन्म देना संतान की शक्ल में,
एक जननी का ही कर्म है,
मां _
एक छोटा सा शब्द है,
कर्मयोग जिसका निशब्द है।
स्तनपान से सींचकर ,
गोद में अपने भींचकर ,
सोते बच्चे को निहारती ,
अपने सुखों को बुहारती,
अधखुले आंखों से,
निद्रा को समेटने का,
जानती मर्म है ।
मां __
एक छोटा सा शब्द है,
कर्मयोग जिसका निशब्द है।
छुटपन की शरारतों को ,
बड़प्पन के साथ मिटाती ,
बड़प्पन की गलतियों को ,
छुटपन की नासमझी बताती ,
मन मारकर निभाती हर धर्म है ।
मां __
एक छोटा सा शब्द है,
कर्मयोग जिसका निशब्द है।
पारिवारिक कष्टों में रहकर भी,
अपने बच्चों को खुशहाल रखना ,
खुशहाल बच्चों की ,
प्रताड़ना सहकर भी ,
अपनी भावनाओं को ,
सम्भाल सकना ,
वह जननी ,शक्ति ,
सृष्टि और दुर्गा ,
पर स्वभाव से नर्म है ।
मां __
एक छोटा सा शब्द है,
कर्मयोग जिसका निशब्द है।
By Sagarika Roy
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