By Manisha Mullick
इश्क को मत छूने दो देह,
देह से लिपटकर
सारा खून पानी कर देता है इश्क,
इश्क को मत छूने दो देह!
मन के किसी कोने में
सजा दो करीने से,
और लगने दो ताप
गुनगुनी धूप से दर्द का,
इश्क को मत छूने दो देह,
देह पर नाखून की खुरच का दाग
साफ नज़र आता है,
बेशरम फिर धीरे धीरे
देह में मिल जाता है,
लाश बनकर पङा रहता है
लाश बनी देह पर,
सड़ता रहता है ....इश्क
इश्क को मत छूने दो देह।
By Manisha Mullick
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