top of page

Love

Updated: Apr 4

By Hemant Kumar


जब जब इस मोड़ मुडा हूं मैं

हर दफा मोहब्बत में टूट कर के जुड़ा हूं मैं


शिक़ायत नहीं है जिसने तोड़ा मुझको टुकड़े-टुकड़े किया है

शिक़ायत यही है हर टुकड़े में समाया , वो मेरा पिया है



सितमगर है सनम सितम ढाने में कोई ना कसर छोड़ी है

हमने भी रंज ओ गम सहने की सारी हदें तोडी है


गिर के संभाला हु फिर से उसी राह चला हु मैं

ज़माने में ना मिलेगा वो दिलजला हूँ मैं


By Hemant Kumar




17 views0 comments

Recent Posts

See All

Ishq

By Udita Jain मै अंक शास्त्र की किताब जैसी समझ नही आये मेरे इश्क़ का मोल !! जितना सुलझाओ उतनी उलझन हू मैं तेरे दिल की एक अजीब सी धड़कन हू...

The Unfinished Chore

By Ambika jha Everything is now in balance Stands steady, holds its grace The furniture is dusted, teak wood glimmers all golden and fine...

留言

評等為 0(最高為 5 顆星)。
暫無評等

新增評等
bottom of page