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Love

Updated: Apr 4

By Hemant Kumar


जब जब इस मोड़ मुडा हूं मैं

हर दफा मोहब्बत में टूट कर के जुड़ा हूं मैं


शिक़ायत नहीं है जिसने तोड़ा मुझको टुकड़े-टुकड़े किया है

शिक़ायत यही है हर टुकड़े में समाया , वो मेरा पिया है



सितमगर है सनम सितम ढाने में कोई ना कसर छोड़ी है

हमने भी रंज ओ गम सहने की सारी हदें तोडी है


गिर के संभाला हु फिर से उसी राह चला हु मैं

ज़माने में ना मिलेगा वो दिलजला हूँ मैं


By Hemant Kumar




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