Apr 29, 20231 min readहसीनRated 5 out of 5 stars.5.0 | 23 RatingsBy Paras Minhasहसिन चेहरों का बाज़ार सज़ा है,प्यारी बातें सरेआम बिकी हैं॥एतबार उधार पड़ा है,क़समें वादों के ढेर लगें हैं॥सराफ़त को धूल लगी है,फ़रेब का मोल लगा है॥By Paras Minhas
By Paras Minhasहसिन चेहरों का बाज़ार सज़ा है,प्यारी बातें सरेआम बिकी हैं॥एतबार उधार पड़ा है,क़समें वादों के ढेर लगें हैं॥सराफ़त को धूल लगी है,फ़रेब का मोल लगा है॥By Paras Minhas
Shayari-3By Vaishali Bhadauriya वो हमसे कहते थे आपके बिना हम रह नहीं सकते और आज उन्हें हमारे साथ सांस लेने में भी तकलीफ़ होती...
Shayari-2By Vaishali Bhadauriya उनके बिन रोते भी हैं खुदा मेरी हर दुआ में उनके कुछ सजदे भी हैं वो तो चले गए हमें हमारे हाल पर छोड़ कर पर आज भी...
Shayari-1By Vaishali Bhadauriya इतना रंग तो कुदरत भी नहीं बदलता जितनी उसने अपनी फितरत बदल दी है भले ही वो बेवफा निकला हो पर उसने मेरी किस्मत बदल...
Nice👌🏻
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