top of page

Aajadi

By Upasana Gupta


आतंक हमारी सोच है , और हम ही आतंकवादी है,

आजाद मुल्क में आज भी बस नाम की आजादी है...

चारों ओर दिख रहे नफ़रत और रोष के पहरे हैं,

मंहगाई, गरीबी और हिंसा से सहमें सभी चहरे हैं,

कुछ खेमें आगे बढ़ गए, कुछ पीछे और कुछ ठहरे हैं,

जिस्म ए मुल्क पर आज तो आक्रोश के घाव ही गहरे हैं...

छाती ५६" की है, पर जुनून कहॉ इंकलाबी है....

आजाद मुल्क में आज भी बस नाम की आजादी है...

प्रगति पथ पर है भारत, दुनिया भर में उदघोषण है,

फिर क्यों हावी बच्चों पर, यहॉ भुखमरी और कुपोषण है,

अस्तित्व क्यों इस देश का अधिकार हनन, और शोषण है..

क्यों सत्ता की साख़ यहॉ सिर्फ आरोपण, प्रत्यारोपण है,

छल और झूठ की नींव पर टिकी यह राजनीति वेबुनियादी है...

आजाद मुल्क में आज भी बस नाम की आजादी है...

मूल्य जहॉ शहादत का ईनाम से तोला जाता हो,

ज़रजर होती मानवता को जहॉ हर कोई धर्म बुलाता हो,

जहॉ नेताओं के सौदों की कीमत जनतंत्र चुकाता हो,

द्रोह-विद्रोह के जज्बे को जहॉ देशभक्ति समझा जाता हो...

कारवां भले देशभक्तों का हो पर फितरत अब जिहादी है...

आजाद मुल्क में आज भी बस नाम की आजादी है...


By Upasana Gupta


0 views0 comments

Recent Posts

See All

Visitor

Not A War

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating
bottom of page