By Prashant Sachan
अगर कर सको जो इंतजार मेरा तुम तो,
समझना तुम्हारा ही हूँ।
अगर छू सको जो मेरा मन ये तुम तो,
समझना तुम्हारा ही हूँ।
अगर गिन सको जो तुम मेरी मुश्किल,
समझना तुम्हारा ही हूँ।
अगर दे सको जो साथ मेरा तुम तो,
समझना तुम्हारा ही हूँ।
न जाना पीछे मुड़कर कहीं तुम, गर..
जो पड़ जाये ऐसी कोई बात,
ऐसे ही डटी रहना, अपनी राह पर तुम
चाहे हो बारिश या आये तूफान,
अगर जी सको जो जीवन साथ मेरे,तो
समझना तुम्हारा ही हूँ।
अगर कर सको जो ये वादा आज तुम तो,
समझना तुम्हारा ही हूँ।
By Prashant Sachan
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