By Nikhil Datar
युग परिवर्तन का है यह क्षण
अब राष्ट्र प्रथम का हो निश्चय
अखिल विश्व भी पुनः करेगा
भारत मां की जय जय जय...धृ
स्वर्णिम भारत का इतिहास
व्याकुल स्वर में पुकार रहा
गीता का दिव्य ज्ञान प्रकाश
बंधू तुझको है ललकार रहा
विद्रोहीयो के जमघट को अब
नव भारत का देना है परिचय
भारत मां की जय जय जय...१
सुजल सुफल इस धरतीपर
अब भी दानव फैल रहा है
चिर तरुण मन में छिपकर
अपस्मार विष भर रहा है
अपनी भावी पिढी को अब
प्रखर सत्य का देना है प्रत्यय
भारत मां की जय जय जय...२
ऋषियों संतों की भूमी यह
जीवन उद्देश्य की है धरोहर
वीरों योद्धाओं की भूमी यह
शक्ति का है स्वरूप मनोहर
खंडित भारत का पुनः करे
अखंड समर्थ भारत में विलय
भारत मां की जय जय जय...३
...२
...२...
इस मिट्टी की शक्ति महान
मैं केवल इसका अंश हूं
मत भूलो वीरों के बलिदान
मैं सदैव उनका ऋणी रहूं
कैलासपती के सेवक हम
फिर कैसा भय कैसा विस्मय
भारत मां की जय जय जय...४
By Nikhil Datar
बहोत खूब
भक्तिमय सुरेख रचना
राष्ट्रभक्ती भरा गीत
अप्रतिम
Sundar masta