top of page

Guzara Saal

Updated: Mar 12, 2024

By Shivani Sharma


क्या कह कर गया ये गुजरा साल,

पूछ कर गया कौन से सवाल,

होठों की हँसी पर आकर स्वत हुआ खतम्

था आँखों की नमीं पर,

तसल्ली दे गया, या इशारे किए कमी पर,



कहाँ लाया दूरी और कहाँ, नज़दीकी

मीठे हुए किस्से, कि कहानियाँ फीकी

रही उम्मीद कायम कि आस टूटी

नज़रें मिलती है खुद से कि रहती रूठी

कितने मिटा गया और कितने दे गया ख्यात

क्या कह कर गया ये गुज़रा साल?


By Shivani Sharma



3 views0 comments

Recent Posts

See All

Spectre

By Shonil Gramopadhye In those morbid sleepless nights, A voice echoes and cites, The questions and doubts, The wrongs and rights, What...

Pehli Mohabbat

By Prachi Raghuwanshi हां, उनका इत्र आज भी मुझे याद हैहां, उनकी आँखों का वो गेरेुआ रंग मुझे याद हैहां, याद है मुझे उनका हर तरीका,...

Memories Stay

By Joyal Gupta The crumbled-up papers lie Unseen in the attic, A smile is left behind Even by the feel of 'me. All those memories that...

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating
bottom of page