By Shubham Sehgal
हां गिरे हैं, फ़िर उठेंगे।
हार अभी मानी नहीं।
तू हमको यूं झुका दे।
इतना तेरा वजूद नहीं।
आयेंगे लौट कर फ़िर।
ये तू याद रखना।
अपने हर जुल्म का।
तू हिसाब रखना।
होगा फ़िर सामना।
कहानी फ़िर दोहराई जाएगी।
बदलेगा समय का पहिया।
ये बस तू याद रखना।
हां गिरे हैं , फ़िर उठेंगे।
बस इतना याद रखना।
By Shubham Sehgal
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