By Sushma Sharma
हुआ हूँ मैं मोहब्बत .... ..
ढल के तेरी चाह मे ...
तू है मेरी वो आयत ....
पढूँ जिसे हर सांस मैं ..... !
तुझे देखूँ , तुझे चाहूँ .....
तुझे सोचूँ , तुझे माँगू ....
रब की ऐसी इनायत तू .....
बनी है मेरी आदत अब तू !!
“आदत मेरी ..... तू आयत मेरी .....”
“आदत मेरी ..... तू आयत मेरी .....”
“ज़िन्दगी मेरी ...... तू चाहत मेरी” !
हुआ हूँ मैं मोहब्बत ...ढल के तेरी चाह मे ...
By Sushma Sharma
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