Kuch (कुछ)
- Hashtag Kalakar
- Jul 17, 2023
- 1 min read
Updated: Aug 21
By Ashutosh Maithani
मैंने कहा कुछ
तुमने सुना कुछ
मेरा मतलब था कुछ
तुमने समझ लिया कुछ
वो जो बात थी कुछ
वो थी सबकुछ
मगर जो समझी तुमने
वो बात थी अलग कुछ
वो राज थे कुछ
वो बात थी कुछ
मुस्कान चेहरे के पीछे
आंसू थे कुछ
दर्द थे कुछ
गम थे कुछ
तुमने समझा नहीं
बदल गया सब कुछ
मैंने कहा कुछ
तुमने समझा कुछ
आंसू से पहले
बिखरे ख्वाब थे कुछ
खुशी से पहले
ढोंग था कुछ
गुलाब के पौधे मे
कांटे थे कुछ
ओंस की बूंद मे
बात थी कुछ
मगर वो जो था कुछ
वो सच मे था कुछ ?
या फिर जो लगा मुझे
वो अनकहा अनसुना था कुछ
मैंने कहा कुछ
तुमने समझा कुछ
जिस दिन देखा था तुम्हें
उस रात मे बात थी कुछ
चाँद की शीतलता, रोशनी में
राज थे कुछ
सावन के महीने मे
बात थी कुछ
पहली बरसात के साथ
अहसास था कुछ
मेरे लिए था वो बहुत कुछ
मगर तुम्हारे लिए नहीं कुछ
मैंने कहा कुछ
तुमने समझा कुछ
By Ashutosh Maithani

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