By Rohit Singh
ये एक छो टी सी कहा नी है,
एक लड़के की जि न्दगा नी है,
एक लड़के की ही ज़ुबा नी है।।
पहली बा र जब वो दुनि या में आया ,
यहाँ की भा गदौ ड़ से अनजा ना था ।
लो ग तो बहुत मि लने वा ले थे पर,
उसने पहला गुरु अपनी माँ को ही मा ना था ।।
गि र-गि रकर चलना सी खा उसने,
फि र पहला स्कूल का दि न वो आया ।
पहली बा र माँ से दूर हुआ था ,
पर फि र भी बस अकेले में ही रो पा या ।।
धी रे-धी रे दो स्त बन गए थे,
भा गदौ ड़ की शुरुआत हुई।
first rank का इस race में कभी -कभी ,
पढ़ते-पढ़ते दि न से रा त हुई।।
अब तो बस कैसे भी करके,
हर कि सी को सबसे आगे जा ना था ।
कि सी से दो स्ती थी और कि सी से चा हत,
आखि र सबका attention भी तो पा ना था ।।
कि सी तरह वो अब 11th में आया ,
choose कर ली maths और IIT का सपना सजा या ।
पर अफसो स इस race में आगे जा ना सका ,
मेहनत तो की पर IIT पा न सका ।।
इन ना का मया बि यों के बा द उसका ,
मन कि या दुनि या छो ड़के जा ने का ।
तभी उसके मन में ख्या ल आया ,
अपने पि ता की चि न्ता और माँ के घरा ने का ।।
अब IIT न मि लने पर मन में एक failure सा आ जा ता है,तो उस पर ---
पर अब कर भी क्या सकता था ,
धी रे-धी रे खुद को खो रहा था वो ।
मुस्कुरा हट तो थी चेहरे पर,
पर अन्दर ही अन्दर रो रहा था वो ।।
वी रा ने से उसके जी वन में,
तभी उसे एक दस्तक महसूस हुई।
एक अनजा ने ने दि या सा थ उसका ,
जब भी उसे जरुरत महसूस हुई।।
शुरू में हुई थी दो स्ती ,
पर फि र धी रे-धी रे प्या र हुआ।
आखि रका र वो दि न भी आया ,
जब इस प्या र का इजहा र हुआ।।
कहते है ना कि life में जब सा री ची जें खरा ब चल रही हों तो भगवा न
कि सी न कि सी को जरूर भेजता है तो उस लड़के के life में भी को ई
आया ,तो अब ----
खुशी से झूम उठे दो नों ,
ना जा ने क्या -क्या सपने सजा लि ए।
धी रे-धी रे बदलने लगा जी वन,
sad song वा ले ने Romantic lofi बजा लि ए।।
तभी एक रा त कुछ ऐसा हुआ,
ना जा ने कि स्मत का ये खेल कैसा हुआ।
हा ला तों ने उन दो नों को मजबूर कि या ,
जुड़ी हुई दो रूहों को कि स्मत ने दूर कि या ।।
अब वो लड़का टूट सा गया था ,
रा तों में सो भी नहीं पा रहा था ।
आखि र वो लड़का था या र,
सबके सा मने रो भी नहीं पा रहा था ।।
दो नों ने कि ये वा दे,
कि जी वनभर सा थ रहेगा ।
भरो सा था गि रने पर,
उठा ने के लि ए एक हा थ रहेगा ।।
हि म्मत सी हा र चुका था वो ,
तभी उसे एक नई उम्मी द मि ली ।
एक top notch college में दा खि ला मि ला ,
सपनों की सुबह में एक नई धूप खि ली ।।
पर शा यद कि सी सुबह सूरज ऐसा खि लेगा ,
जब उसे उसका वो खा स इंसा न मि लेगा ।
का मया बी के बा द तो को ई बहा ना भी ना हो गा ,
मि लने के बा द दो नों की खुशी का ठि का ना भी ना हो गा ।।
पर ये जी वन कि तनी भी को शि श कर ले,
competition की इस जंग में जी त के जा ना है।
कि स level का potential रखता है india ,
आखि रका र पूरी दुनि या को दि खा ना है।।
By Rohit Singh
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