By Kavita Sharma
मीरा बनके रहूंगी
कान्हा तेरे संग रहूंगी
बीत जाए ना ये वक्त
तेरा नाम लेते रहूंगी
प्रेम करती रहूं मैं
साया तेरा बनू मैं
रंग बन के उडू
फूल बन के सजु मैं
मीरा बन के रहूं मैं
दीवानी कहे मुझे जग ये सारा
शायद तेरी होने लगी हू मैं
प्रेम पुजारी , तेरी मीरा
माला तेरी जपती रहूंगी
कृष्ण कृष्ण गाए ये मन
तो सजे मीरा का तन
जग छोड़ के सारा कृष्ण संग रहूंगी में
तेरी होके रहूंगी में
मीरा बनके रहूंगी मैं ।।
By Kavita Sharma
コメント