By Shubham Sehgal
मेरे बस में नहीं था।
उनको भूल जाना।
उसकी नजरों से नजारे चुराना।
भीगी जुल्फ़ो में उसकी।
हमारी कहानी बसती थी।
मुमकिन नहीं थ उनअसे दूर जाना।
मेरे बस में नही था।
उनकॊ भूल जाना।
उनकी बातों से रूठ जाना।
उनके लफ़्जों क अनसुना कर जाना।
उनकी हर मुस्कारहट में हमारी जान बसती थी।
मुमकिन नहीं था उनके बीना जी पाना।
मेरे बस में नहीं था
उनकोभूलजाना
By Shubham Sehgal
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