By Dimpsy Sujan
कर ना सकी तेरा ख़्वाब पूरा
रह गया हर अरमां अधूरा
याद करती हूं हर दुआ में
इक तू ही तो थी मेरा सहारा
जाने क्या हुई मुझसे खता
उम्र भर की मिली मुझे सज़ा
छोड़ दिया तूने राह में
आख़िर वक़्त भी निकला बेवफ़ा
मांगती हूं बस खुशियां तेरी
जानती थी सब कमियां मेरी
ना समझा कोई इस रिश्ते को
तू ही तो थी Best Friend मेरी
By Dimpsy Sujan
Комментарии