By Swati Sharma Singh
नादान कैसा है ये दिल
इस दिल ने कि है मुश्किल
बुने ख्वाब ये तो रात दिन
नादान कैसा है ये दिल
देखे वही ये
जो इसे देखना है
सोचे वही ये
जो इसे सोचना है
समझे नहीं ये
जो इसे समझना है
ऐसा है ये दिल
कैसा है ये दिल
नादान कैसा है ये दिल
रूठे कभी ये
कभी ये माने
क्या ये चाहे
ये भी ना जाने
प्यार के ठुंठे
ये तो बहाने
ऐसा है ये दिल
कैसा है ये दिल
नादान कैसा है ये दिल
By Swati Sharma Singh
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