By Deepshikha
तेरे जाने के बाद से...
लम्हे सालों जैसे हैं, पर साल गुज़र तो रहे हैं,
मिज़ाज़ आज भी वही है, और शहर बदल रहे हैं।
बस छूट जाती है, पर घर तो पहुंच ही जाता हूँ,
कहीं दीवारो पर तेरा नाम सुनकर, आज भी रुक जाता हूँ।
शब्द नहीं मिलते, ज़ेहन में विचार तो आते हैं,
दोस्त नहीं मिलते,लोग तो मिल ही जाते हैं।
कोई खुशी भले ना हो,पर मैं हँस तो रहा हूँ,
किसी मंज़िल के लिए ना सही,पर चल तो रहा हूँ।
मुलाकात नहीं होती,पर किसी बहाने बात हो जाती है,
इबादत नही होती,मोहब्बत तो हो ही जाती है।
मानो जैसे सब मसालें भरपूर हैं,बस थोडा नमक कम है,
यूँ की ज़िंदगी ज़िंदगी तो है,पर तेरे ना होने से स्वाद कहीं गुम है।
By Deepshikha
Emotions so beautifully expressed in words.
This poem beautifully expresses that love and memories can remain a part of life even when your loved ones are no longer with you. It highlights the nuances and beauty of life's canvas, depicting that even in the absence of your dear ones, their presence can still be felt. This poem touches upon the essence of life's most important and profound experiences with elegance.
Very Beautifully Written :)
Kabhi kabhi kisi ki jagah chah ke bhi koi nahi le skta…..jo swaad zindagi ka us ek shakhs ke saath chakh lete ho to uske bina zindagi fiki si lagne lg jati hai😊
Loved