By Varad Ashtikar
जिन्होने परास्त किया सिंह को,
जिन्होने भयभीत किया काल को
लढ़े अपने काल में एकसौ बीस युद्ध और रहे अजिंक्य,
छत्रपति शिवाजी महाराज के पश्चात बने आप हिन्दवी स्वराज्य के प्रतापसूर्य
मिल गए सब शत्रु ,करने आपका पराजय,
जब दिखाया आपने अपना रुद्रावतार मिल गयी आपको विजय
जब हो रहा था भारतीय संस्कृति और धर्म पे आक्रमण,
उतरे आप रणभूमि में लेकर स्वराज्य रक्षा का प्रण
14 बरस की आयु में लिखे आपने अनेक ग्रंथ और कविताएँ,
सामान्यों को शस्त्र-शास्त्र आपने सिखाए
केवल आपको पकड़ने आया औरंगज़ेब दिल्ली से लेकर पंचलक्षी महासेना,
नौ वर्षों तक किया आपने उसका सामना
पकड़ लिया आपको रचकर अपनों ने चक्रव्यूह और षड्यंत्र,
बंदी बनाया आपको और किये नरकसम अत्याचार, तत्पश्चात जपा आपने हिंदवी स्वराज्य का महामंत्र
नाकारा तुमने कबूल करना इस्लाम, नाकारा देना हिंदवी स्वराज्य,
देकर स्वयं की बलिदानी किया अपने मृत्यु पर राज्य
धन्य हैं हम, जो आपके कारण जन्मे एक सनातनी,
नमन है आपको महाराज धरमवीर छत्रपति श्री संभाजी
By Varad Ashtikar
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Very
Sahi
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Excellent