By Deepshikha
इश्क अगर कोई लिखे कभी जो,
मेरे नाम लिखे, विपरीत लिखे,।
विरह की रात लंबी गुजरती है,
कोई लिखे तो विरह के गीत लिखे।
दो लोगों में एक भेद घटे,
कोई जग की ऐसी रीत लिखे।
जिसे इश्क में मात नसीब हो,
वो किसके हक़ में जीत लिखे।
जिसने सारा जग अपनाया,
वो किसको अपना मीत लिखे।
बात दिल तक पहुंचनी चाहिए,
लफ्ज़ कहे कोई या संगीत लिखे।
जब मन सांवरा भा जाए,
फिर मन लिखे, मनमीत लिखे।
जिसे प्रीत कृष्ण की लग जाए,
वो कृष्ण लिखे, या प्रीत लिखे।
By Deepshikha
Expresses Love's Depth and Complexity.
Awesome 👍🏻
Koi ishq likhe…..koi ibadat likhe….koi yaar likhe….koi khuda likhe….eh mohabbat de roop ne saare jo ik premi nu usde pyaar ch dikhe❤️
ibadat waang mohabbat ya mohabbat waang ibadat🥰😍
Hare Krishna
beautifull