By Jaishankar Iyer
पूजा अर्चन मैं न जानूं,
जानूं करना ध्यान
आँखें बंद करूँ तो देखूं
मैं बस सीता राम
सांझ सवेरे, निस दिन हर पल,
ध्यान धरु हे राम
राम नाम जपते, जपते मैं
तुझमे समाऊं राम ।। २।।
जनम मरण के इस बंधन से
मुक्ति दिला दो राम
भवसागर तू पार करा दे
तारणहार हे राम ।। २ ।।
इस जग के कण कण में लिखा है
राम तेरा ही नाम
रूप में किसके, देखूं तुझको
ये बतला दो राम ।। २ ।।
दरस को प्यासा हूँ मैं भगवन
दरस दिखा दो राम
तरस रही है आँखें मेरी
दर्शन दे दो राम ।। २।।
By Jaishankar Iyer
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