By Dimpsy Sujan
मैने पूछा था तुम से, भूल जो हुई हम से
तुम ने मांगा था हम से, साथ छूट गया तुम से
मैने लगाया था तुम से, दिल ये टूट गया हम से
मैने सजाया था तुम से, आख़िर आशियां बिखर गया हम से
लबों से कह भी ना पाए, ना आंखों से बयान हुआ हम से
रेत की तरह बिखरते रहे, उंगलियों में समा भी ना पाया तुम से
दर्द तो बेज़ुबान हैं, बयान कर के भी मरहम ना लगेगा हम से
हवाओं का रुख पलट भी जाए, तब भी मुड़के देखा ना जायेगा तुम से
हक़ लिया था हम से, क्या पता था ना हो पाएगा तुम से
वादा मांगा था हम से, इरादा भी पक्का ना हुआ तुम से
विश्वास चाहा था हम से, चाहत भी ना हुई तुम से
सपने मांगे थे हम से, बिखेरने का अंदाज सीखेंगे तुम से
By Dimpsy Sujan
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