By Dimpsy Sujan
रूह का तो पता नहीं
हम ने मोहब्बत को जाते देखा है
वक़्त का तो पता नहीं
हम ने ज़माना गुज़रते देखा है
क्या क्या न देखा इस छोटी सी जिंदगी में
अक्सर हम ने रिश्तों को बिखरते देखा है
अश्कों का तो पता नहीं
हम ने सांसों को थमते देखा है
दिल का तो पता नहीं
हम ने धड़कने रुकते देखा है
क्या क्या न देखा इस छोटी सी जिंदगी में
अक्सर हम ने फासलों को बढ़ते देखा है
हमसफ़र का तो पता नहीं
हम ने रुसवा होते देखा है
मौत का तो पता नहीं
हम ने जनाज़ा निकलते देखा है
क्या क्या न देखा इस छोटी सी जिंदगी में
अक्सर हम ने फुलों की चादर चढ़ाते देखा है
By Dimpsy Sujan
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