By Usha Lal
वाक् पटु और कुशल मनुज थे,
कहने को वे बड़े चतुर थे,
यूँ ज्ञानी हर एक विषय के,
पर गणना में बहुत निपुण थे!
कार्य- समय की गणना करना ,
हानि लाभ का प्रतिशत गिनना,
पलक झपकते हो जाता था,
हर सवाल हल हो जाता था!
लगता था अंकों के जैसे ,
जीवन में भी प्रश्न उठेंगे,
जोड़-घटा या गुणा-भाग कर,
उनके भी उत्तर दे देंगे !
किन्तु यहाँ तो बात अलग थी, समय जुड़ा तो साँसें घट गयीं! वैभव द्विगुणित करना चाहा, किन्तु विभाजित ख़ुशियाँ हो गयी! कार्य- समय , अनुपात सभी ने मनमाने से नियम चलाये, हानि , लाभ को आंके कैसे? सूत्र कोई भी काम न आये ! जीवन की किताब को पढ़ना, कहाँ बात है किसके बस की? है ऐसी अनबूझ पहेली कब किसके सुलझाये सुलझी!!
By Usha Lal
👌👌
Beautiful
Lovely..!!