अपने पंखों पे
- hashtagkalakar
- Jul 17, 2023
- 1 min read
Updated: Apr 8, 2024
By Bushra Benazir
उसने मुझको
कठपुतली बना रखा है
क्या उसने ख़ुद को
ख़ुदा बना रखा है
झीरी से धीमें धीमें आती
ज़िन्दगी में रोशनी
उस झीरी पर भी उसने
अपना हाथ रखा है
दर्द जब सीने में
करवट बदलता है
और जब आँख से
आंसू झलकता है
मत पूछो यारो मैने अपना नासूर कहाँ छुपा रखा है मेरी हिम्मत की दाद कोई क्यों नही देता मेरी मुस्कान का साथ कोई क्यों नही देता सुनो मैने अपने हौसलों को अपने पंखों पर रखा है ।।
By Bushra Benazir
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