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अपने पंखों पे

Updated: Apr 8, 2024

By Bushra Benazir

उसने मुझको कठपुतली बना रखा है क्या उसने ख़ुद को ख़ुदा बना रखा है झीरी से धीमें धीमें आती ज़िन्दगी में रोशनी उस झीरी पर भी उसने अपना हाथ रखा है दर्द जब सीने में करवट बदलता है और जब आँख से आंसू झलकता है

मत पूछो यारो मैने अपना नासूर कहाँ छुपा रखा है मेरी हिम्मत की दाद कोई क्यों नही देता मेरी मुस्कान का साथ कोई क्यों नही देता सुनो मैने अपने हौसलों को अपने पंखों पर रखा है ।।


By Bushra Benazir



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