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अमर शूरवीर

Updated: Sep 16, 2023

By Gaurav Abrol



तीन रंग में लिपटे जब वो , शूरवीर घर आता है 

मात -पिता का मूक हृदय भी, चीख- चीख चिल्लाता है ||

आँख के आँसू जम जाते हैं , और समय थम जाता है

तीन रंग में लिपटे जब वो , शूरवीर घर आता है ||

अडिग हिमालय झूल रहा , और गंगा भी अब मौन हुई |

मातृभूमि की रक्षा की , संपन्न वही सौगंध हुई ||

राष्ट्र भक्ति का गीत अमर,  तब बच्चा- बच्चा गाता है |

तीन रंग में लिपटे जब वो,  शूरवीर घर आता है ||

पूछ रही विन्ध्या माला , और पूछे है हिन्द महासागर |

रूठ गया क्यों लाल मेरा , क्यों फूट रही जल की गागर ||

कोटि-कोटि वन्दन को उनके , अर्पित तब सब यशगाथा है |

तीन रंग में लिपटे जब वो , शूरवीर घर आता है ||

बहन की राखी ढूँढ रही है , भाई की कलाई को |

कुलदीपक बिन कहाँ मनेगी ख़ुशी भला दिवाली को ||




होली का दिन रंग बिना ही पल-पल बीता जाता है |

तीन रंग में लिपटे जब वो शूरवीर घर आता है ||

सिन्हासन हैँ डोल रहे , उन देश के ठेकेदारों के |

माँग रही जनता है शीश, उन जयचन्दों - गद्दारों के || 

व्यर्थ  ना हो बलिदान परम ये , मन वचन रोज़ दोहराता है |

व्यर्थ  ना हो बलिदान परम ये , अपना उनसे वादा है ||

तीन रंग में लिपटे जब वो शूरवीर घर आता है ||

तीन रंग में लिपटे जब वो , शूरवीर घर आता है 

मात -पिता का मूक हृदय भी, चीख- चीख चिल्लाता है 

आँख के आँसू जम जाते हैं , और समय थम जाता है

तीन रंग में लिपटे जब वो , शूरवीर घर आता है ll

वो वीर अमर हो जाता है , वो वीर अमर हो जाता है ||


By Gaurav Abrol




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Shikha Aggarwal
Shikha Aggarwal
14. 9. 2023
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Satish Chauhan
Satish Chauhan
13. 9. 2023
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Deepak Chanana
Deepak Chanana
13. 9. 2023
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Mohit Mohit
Mohit Mohit
13. 9. 2023
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raghav aggarwal
raghav aggarwal
13. 9. 2023
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