By Avaneesh Singh Rathore
मैं आखिरी क्षणों में हूं
तुम, तुम क्यों आए हो
शक है की झूठ कहा मैने
या तुम्हे इश्क था बताने आए हो
तुम्हे आज कैसे वक्त मिल गया
क्यों हमसे जरूरी काम नहीं है आज
अरे, मिलने के और भी बहाने दिए तो थे मैने
तुम क्यों आए आज,क्या जताने आए हो
जब तुम्हे बताया था , इश्क है
हंसकर टाल दिया तुमने
अब उमर बच गई तुम्हारी
और हम जी लिए उमर सारी
ठीक ही तो कहा तुमने
की इश्क कभी नहीं तुम्हे
हम तो खाली बर्बाद हुए
तुम्हे तो परवाह तक नहीं
देखो कितना बुलाया तुम्हे
तुम कभी देखने नहीं आए
और आज बुलाया नहीं
तो एहसान करने चले आए
तुम्हे जब हमने इश्क किया
तुम वैसे तो ना थे
या निगाह चूक गई हमारी
तुम थे ऐसे ही, हम समझने में चूक गए
चलो अब तो मुसीबत टल गई
क्या करे सांस जो थम रही
रिश्ते चलते तो सात जन्म
ये आखिरी जन्म बताना भूल गए
By Avaneesh Singh Rathore
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