By Sakshi Kumar
कुछ ऐसा आलम हुआ हमारी मोहब्बत का
ना हम उन्हें बेवफा कह पाए और ना हम उनसे नफरत कर पाए
ना जाने कैसे बांधा है हमें उन्होंने कि ना हम उनसे जुदा हो पाए
ना हम उनसे अपने जवाब ले पाए और ना उनसे उनके ज़स्बात सुन पाए
कुछ ऐसा आलम हुआ हमारी मोहब्बत का
कि ना होते हुए भी हम उसको महसूस कर पाए
By Sakshi Kumar
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