By Ameera Baga
कभी किसी अच्छे लम्हे के ठहर जाने का,
कभी तुम्हारे मुड़कर वापस देखने का।
कभी किसी दिन तुमसे मुलाकात होने का,
कभी तुम्हें वापस पाकर कभी ना खोने का।
कभी तुमसे मुकालमा होने का,
कभी तुम्हारे साथ मुकम्मल होने के।
कभी तुमसे दिल जोड़ने का,
कभी हमारे बीच ये दूरी तोड़ने का।
कभी तुम्हारी याद मैं रोने का,
कभी तुम्हारे सपने देखकर सोने का।
कभी तुम्हारी आँखों में देखने का,
कभी ये यादों और तकलीफ को फेंकने का।
कभी तुम्हारे वापस हाथ थामने का,
कभी तुम्हारी कामना को रोकना।
कभी जिंदगी में आगे बढ़ का,
कभी तुम्हारा इंतज़ार वापस आने का।
By Ameera Baga
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