By Rohit 'Lukad' Jain
जब अपनों से जुदा होने का सबब गैरों से ले लेता हैं,
तब तब इंसान अकेला हो जाता हैं ।।
आइना ऐसा न हो, जिससे सिर्फ चेहरे की छवि दिखे,
बल्कि ऐसा हो जो जिसमे आँखों की नमि दिखे ।।
समय पर जो काम आते हैं उसे इंसान कहते हैं कोई हूर
या फरिश्ता नहीं,
क्यूंकि सबसे बड़ी सच्चाई यहीं हैं, कि इंसानियत से बड़ा
कोई रिश्ता नहीं ।।
By Rohit 'Lukad' Jain
True lines!!
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Amazing 👍🤩
Good lines
👍🏻