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इंसानियत (Humanity)

By Rohit 'Lukad' Jain


जब अपनों से जुदा होने का सबब गैरों से ले लेता हैं,

तब तब इंसान अकेला हो जाता हैं ।।


आइना ऐसा न हो, जिससे सिर्फ चेहरे की छवि दिखे,

बल्कि ऐसा हो जो जिसमे आँखों की नमि दिखे ।।



समय पर जो काम आते हैं उसे इंसान कहते हैं कोई हूर


या फरिश्ता नहीं,


क्यूंकि सबसे बड़ी सच्चाई यहीं हैं, कि इंसानियत से बड़ा


कोई रिश्ता नहीं ।।


By Rohit 'Lukad' Jain




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Prachi Navlakha
Prachi Navlakha
May 17, 2023
Rated 5 out of 5 stars.

True lines!!

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amogh prasad
amogh prasad
May 17, 2023
Rated 5 out of 5 stars.

Very inspiring

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Santosh solanki
Santosh solanki
May 17, 2023
Rated 5 out of 5 stars.

Amazing 👍🤩

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Manoharlal Lukad
Manoharlal Lukad
May 17, 2023
Rated 5 out of 5 stars.

Good lines

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Rohit Lukad
Rohit Lukad
May 17, 2023
Rated 5 out of 5 stars.

👍🏻

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